जालोर सिरोही में पूर्व सीएम के पुत्र की बढ़ रही है मुश्किले, पार्टी छोड़ कर जा रहें है पदाधिकारी

लाल सिंह व रामलाल मेघवाल के बाद सोमाभाई सरगरा व श्रवण सिंह राठौड़ ने कांग्रेस से अब भाजपा का दामन थामा

राजनिति. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जहां देखा जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत की साख जालौर सिरोही लोकसभा में लगी है तो दूसरी तरफ देखा जाए तो लगातार जालौर सिरोही लोकसभा में कांग्रेसी दिग्गज पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो रहे हैं। जिसके चलते साफ देखा जाए तो वैभव गहलोत के इस चुनावी सफर में संकट के बादल जरूर नजर आ रहे हैं इसको लेकर कोई अतिशयोक्ति नहीं है।
कुछ दिन पूर्व ही जालौर के पूर्व विधायक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामलाल मेघवाल व उनके पुत्र ने भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हुए थे। उसके बाद कांग्रेसी दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले श्रवण सिंह राठौड़ व सोमा भाई सरगरा सीएम भजनलाल शर्मा के हाथो जोधपुर में एक सभा के दौरान भाजपा में शामिल हुए।

कांग्रेस के लाल सिंह ने लाया बसपा से टिकट :

देखा जाए तो जालौर सिरोही लोकसभा की बात करें तो पिछले 15 सालों में जालौर सिरोही लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी जीतती हुई आ रही है।
जहां पर देव जी एम पटेल सांसद रहे अब भारतीय जनता पार्टी ने टिकट में बदलाव करते हुए देव जी एम पटेल की जगह लुबाराम चौधरी को मौका दिया है। वही कांग्रेस ने एक नया चेहरा उतारते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत को मौका दिया है।
तीसरी तरफ अगर हम बात करें तो कांग्रेसी नेता लाल सिंह राठौड़ लंबे समय से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे जिन्होंने बसपा से टिकट लाकर लोकसभा चुनाव में ताल ठोक दी है।

बाहर कुछ अंदर कुछ :

देखा जाए तो लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति जालौर के अंतर्गत पुखराज पाराशर तक सीमित देखी जा सकती थी। जिसके चलते अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के चुनाव लड़ने की बात आई तो पुखराज पाराशर से लंबे समय से नाराज चल रहे कई कांग्रेसी नेता किनारा करते हुए कांग्रेस पार्टी को छोड़कर दूसरा रास्ता अपना लिया है।

वैसे देखा जाए तो पुखराज पाराशर जालौर जिले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता है और वह पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास रहे हैं, मगर हकीकत तौर पर धरातल पर देखा जाए तो पुखराज पाराशर जालौर में कांग्रेसी नेताओं को लोकसभा चुनाव में एक करने में साफ तौर पर असफल दिखाई दे रहे हैं।

जिसके चलते लगातार वैभव गहलोत की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। और कई कांग्रेसी नेताओं का भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने की सूची बढ़ती ही जारी है।

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