4 जून का परिणाम तय करेगा पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे के सांसद बनने का सपना

जालोर सिरोही से लुंबाराम चौधरी व वैभव गहलोत की किस्मत में क्या लिखा है, इसका फैसला अब आखिर कार परिणाम तय करेगा जिसको लेकर हर कोई उत्सुक है

जालोर. जालोर सिरोही लोकसभा 2024 चुनाव का इंतजार हर किसी को है वही देखा जाए तो इस चुनाव के परिणाम के अंतर्गत किसी के भविष्य की राजनीति का रास्ता तय होगा तो किसी की राजनीति की अंत समय में राजनीति की उड़ान तय होगी। देखा जाए तो जालौर सिरोही लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है अब देखने वाली बात यह होगी कि 4 जून का परिणाम किसके पक्ष में जाता है जनता किसको अधिक वोटो से जीत का रास्ता तय करती है।
वैसे देखा जाए तो लंबे से कांग्रेस इस सीट को जितने का प्रयास कर रही है, इसलिए 2024 चुनाव के अतंर्गत कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र को मौका दिया गया।

देखा जाए तो कांग्रेस में बूटा सिंह की जीत के बाद कोई भी प्रत्याशी यह सीट जीत नहीं पाया है इसी को लेकर लगातार बार-बार प्रत्याशियों का बदलाव कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है। इसी को लेकर इस बार पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पर दाव खेला है।

लुबाराम चौधरी व वैभव का है कड़ा मुकाबला :

जालौर सिरोही लोकसभा चुनाव के अंतर्गत देखा जाए तो इस बार कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला दिखाई दे रहा है। वैसे देखा जाए तो करीब 15-20 सालों से भाजपा की सीट जीतती हुई आ रही है और इस सीट को भाजपा का गढ़ कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी।

वहीं दूसरी तरफ इस बार कांग्रेस इस सीट को हथियाना के लिए पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत को मैदान में उतारा है। इससे पूर्व 2019 में वैभव गहलोत ने जोधपुर लोकसभा से चुनाव लड़ा था जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा इसके बाद पार्टी की ओर से 2024 लोकसभा चुनाव के अंतर्गत पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को जालोर सिरोही से लोकसभा से मौका दिया गया।

भाजपा जीतती हुई आ रही ही लगातार यह लोकसभा :

जालौर सिरोही लोकसभा सीट की बात करें तो 2004 में सुशीला बंगारू ने भारतीय जनता पार्टी से जीतकर भाजपा का झंडा गाढ़ा। देवजी भाई पटेल 2009 में पहली बार मौका मिला और पहले ही चुनाव जीतकर भाजपा की जीत को कायम रखा उसके बाद 2013 व 2019 में लगातार भारतीय जनता पार्टी ने देव जी एम पटेल को मौका दिया और देवजी एम पटेल ने मौके पर खरे उतरते हुए पार्टी को जीत दिलाते हुए संसद भवन पहुंचे।

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