पैसों की तंगी के चलते जालौर के राजेंद्र मालवीय ने स्वयं ने ही रची थी अपहरण की साजिश

जालौर पुलिस की ओर से राजेंद्र की ओर से बनाई गई झूठी अपहरण की साजिश का किया पर्दाफाश

जालोर. कुछ दिनों से जालौर के राजेंद्र मालवीय का अपहरण होने की सूचना के बाद पूरा मामला चर्चाओं में था। राजेंद्र की परिवार की ओर से पुलिस की मदद ली गई और पुलिस को सूचना देकर रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।


उसके बाद जालौर पुलिस भी अलर्ट हो गई और जल्दी टीमों का गठन किया गया और राजेंद्र मालवीय की तलाश शुरू कर दी गई।

अब पूरे मामले का जालौर पुलिस ने खुलासा करते हुए राजेंद्र मालवीय को उदयपुर जाने वाले मार्ग से दस्तयाब किया।


जिला पुलिस अधीक्षक ज्ञान प्रकाश यादव ने बताया कि ग्रेनाइट व्यापारी के पुत्र राजेंद्र मालवीय ने आर्थिक तंगी के चलते अपने पिता से ही पैसों की वसूली करना चाहा।

जिसके चलते उसने स्वयं की ही अपहरण की साजिश रची कहा जा रहा है कि राजेंद्र शेयर मार्केट व गेम जोन में अपने पैसे गवा चुका था। जिसके चलते उसने साजिश रच कर अपने पिता से ही 6 लाख रुपए मांगे।

इधर-पिता के साथ फर्जी पुलिस बन कर 5000 वसूले :

एक तरफ जहां पूरा परिवार राजेंद्र के मामले को लेकर चिंतित था तो दूसरी तरफ राजेंद्र के पिता से एक साइबर का मामला भी सामने आया है।

जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति की ओर से स्वयं को पुलिस वाला बताकर 5000 की ठगी कर ली।

क्या है पूरा मामला :

17 जून सोमवार को जालौर निवासी राजेंद्र मालवीय अपने घर से फैक्ट्री जाते समय अचानक गायब हो गया जिसके बाद कुछ देर में उसके पिता के व्हाट्सएप पर एक मैसेज आता है कि राजेंद्र का अपहरण हो गया है और 6 लाख रुपए की राशि जल्द हमारे बताएं पते पर पहुंचा दो।


इसके बाद राजेंद्र के पिता पुलिस में इस पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाते हैं और कुछ ही देर में अपहरण की चर्चा पूरे क्षेत्र में फैल जाती है।

इस व्हाट्सएप मैसेज के आधार पर उस लोकेशन पर रात्रि में पहुंचते हैं मगर वहां कोई नहीं मिलता है।

जिसके बाद लगातार पुलिस की ओर से टीम गठित कर जांच पड़ताल शुरू कर दी जाती है। मगर 3 दिन बीत जाने के बाद भी राजेंद्र मालवीय का कोई सुराग नहीं मिलता।

उदयपुर मार्ग से दस्तयाब

आखिरकार पुलिस की साइबर टीम की ओर से राजेंद्र मालवीय को ट्रेस कर उदयपुर मार्ग से 20 जुलाई को दस्तयाब कर दिया जाता है।

पुलिस की ओर से पूरे मामले की जांच की जाती है तो पूरा मामला उल्टा ही निकलता है किसी भी लोगों की ओर से राजेंद्र मालवीय का अपहरण नहीं किया गया था।

पैसों की वसूली राजेंद्र मालवीय को अपने पिता से ही करनी थी। जिसको लेकर राजेंद्र मालवीय ने अपने ही अपहरण की एक साजिश रची थी। वह मोटरसाइकिल लेकर अपने घर से निकल जाता है और सिरोही से होते हुए जगह-जगह मोटरसाइकिल लेकर घूम रहा था और वसूली अपने पिता से ही मांग रहा था।

वही यह मामला भी सामने आया है की कर्ज बढ़ने के चलते। राजेंद्र मालवीय ने बैंक से भी लॉन लिया था जिसकी जानकारी भी परिवार को नहीं थी। इन सब कारणों के चलते जालोर पुलिस को पहले ही शक हो गया था की मामला आपसी ही निकल सकता है।

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