2024 लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चाए तेज, एक बार फिर भाजपा जालौर सिरोही में दिख रही है मजबूत

जालौर सिरोही लोकसभा में 20 वर्षों से है भाजपा का दब दबा, कांग्रेस शून्य हो रही है साबित

जालौर सिरोही लोकसभा सीट की अगर बात करें तो कांग्रेस से 1999 में सरदार बूटा सिंह की जीत के बाद कोई भी कांग्रेसी उम्मीदवार जालौर सिरोही लोकसभा चुनाव जीत नहीं पाया है। अगर हम आगामी लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा एक बार फिर जालौर सिरोही क्षेत्र में मजबूत साबित हो रही है क्योंकि लगातार मोदी लहर के चलते भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मजबूत ही से लगातार चुनाव जीते हुए आ रहे हैं पैसे देखा जाए तो लगातार 15 साल से देव जी एम पटेल सांसद के पद पर आसीन है।

भाजपा से टिकट लाने वाले की लगभग जीत तय :

देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में जालौर सिरोही में लगातार भाजपा का यह गढ़ बन चुका है। जिसके चलते देखा जाए तो 2024 में भी यही संभावना जताई जा रही है कि मोदी लहर बरकरार रहेगी और भाजपा एक बार फिर मजबूत साबित होगी। इस आशंकाओं को देखा जाए तो जो भारतीय जनता पार्टी से टिकट लाने में जो सफल रहेगा वही जालोर सिरोही का नया सांसद बनेगा। इसी को लेकर लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी है और इसी के अंतर्गत कई उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए कई हथकंडे अपना रहे हैं।

भाजपा से यह कर रहे हैं दावेदारी :

आगामी लोकसभा चुनाव की बात करे तो कहीं दावेदार अपनी किस्मत आजमाने के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। वहीं विभिन्न शक्ति प्रदर्शन के साथ चर्चाओं में बने रहने के लिए कई तरह के यह दावेदार कई तरीके अपना रहे हैं। देखा जाए तो आंकड़ों की अगर बात करें तो भाजपा मजबूत साबित जरूर हो रही है जिसके चलते दावेदारों की माने तो यह तय है कि जो भारतीय जनता पार्टी से टिकट लाएगा उसकी सांसद की राह सरल हो जाएगी। वैसे दिखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी से जालोर सिरोही लोकसभा सीट को लेकर कहीं दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे किसी के अंदर का देखा जाए तो देव जी एम पटेल जो 15 वर्ष से सांसद है, भारतीय जनता पार्टी वर्तमान जिला अध्यक्ष श्रवण सिंह राव, प्रेम सिंह राव भीनमाल, दानाराम चौधरी, आर के पुरोहित, रविंद्र सिंह बालावत, नारायण सिंह देवल, सावलाराम देवासी, लक्ष्मण चौधरी सहित और भी कई नाम है जो सांसद की टिकट की दौड़ में चर्चाओं में है।

कांग्रेस में सरदार बूटा सिंह के बाद लंबे समय से जीत का इंतजार :

जालौर सिरोही लोकसभा सीट व कांग्रेस की अगर हम बात करें तो 1999 में सरदार बूटा सिंह की जीत के बाद, कोई भी कांग्रेस का उम्मीदवार लोकसभा सीट जीत नहीं पाया है इसके चलते देखा जाए तो कांग्रेस जालौर सिरोही लोकसभा सीट पर कमजोर साबित हो रही है।

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